Motivational story in hindi

एक आदमी गुब्बारे बेच कर अपना घर चलता था।  वह गांव में लगने वाले मेलो में जाता था। उसने हर तरह के गुब्बारे रखे थे हरे नीले, पीले, लाल, गुलाबी, जब उसे लगता के उसके गुब्बारे बिकने काम हो रहे है तो वो एक गुब्बारे को हवा में यु ही छोड़ देता। जब बच्चे उस गुब्बारे को उड़ता हुआ देखते तो उनका दिल करता गुब्बारे  खरीदने को। और बच्चे गुब्बारे वाले के पास पहुंच जाते। गुब्बारे वाले को ऐसा  करता हुआ दूर से एक छोटी लड़की देख रही थी। जैसे एक गुब्बारे वाले भैया ने एक सफ़ेद गुब्बारा उड़ाया वो छोटी लड़की दौड़ कर गुब्बारे वाले भैया के पास पहुंची और बड़ी ही जिज्ञासा से पूछने लगी... भैया अगर आप ये लाल वाला गुब्बारा छोड़ोगे तो ये भी ऊपर जायेगा ? गुब्बारे वाले भैया ने मुस्कराकर  छोटी लड़की की तरफ देखा और कहा... हां बिलकुल जायेगा बेटी गुब्बारे का ऊपर जाना इस बात पर निर्भर नहीं है के उसका रंग क्या है वो इस बात पर निर्भर है के उसके अंदर क्या है।
बिलकुल इसी तरह ये बात हम इंसानो पर भी लागु होती है हम अपनी जिंदगी में क्या हासिल करेंगे वो हमारे रंग रूप और अभी क्या हालात है इसपर निर्भर नहीं करता वो इस बात पर निर्भर करता है के हमारे अंदर क्या है ?
हमारी सोच हमारे सपने हमारे नजरिया ज़िंदगी को लेकर।  हम बहार से जैसे मर्जी हो अंदर से मजबूत होने चाहिए। 

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