We become what we think hindi

इंसान वैसा ही बन जाता है जैसा वो दिन भर सोचता रहता है। - गौतम बुद्ध  
दिमाग ही सबकुछ है हम जो लगातार अपने दिमाग में फिल्म देखते रहते है वो सच हो जाती है। हमारे ख्याल हक़ीक़त में बदल जाते है, हम जो सोचते है उसी से हमारा भविष्य तय होता है।  जिस चीज़ पर हम ध्यान देते है वो बढ़ती जाती है चाहे वो ख़ुशी हो दुख, गरीबी, दौलत या कर्ज़ा क्योकि हम लगातार उसके बारे में सोच के उसे ऊर्जा दे रहे होते है इस ब्रमाण्ड में हर चीज में ऊर्जा है।

दिमाग सबकुछ बुनता है और यही इंसान का चरित्र बनता है इसी पर निर्भर करता है की इंसान अपने सामने आने वाली समस्याओ का समाधान किस तरह करेगा। ये तय होता है की हमने दिमाग को इनसे बचने के लिए प्रोग्राम किया गया है या सामना करने के लिए।  इंसानी दिमाग हर चीज के लिए प्रोग्राम हो जाता है ये बार-बार किसी चीज को दोहराने से होता है लगातार कुछ चीजों को करने के बाद ये उसका आदि हो जाता है। हम कितना खाते है कैसा खाना खाते है, पसंद नापसंद , कैसे लोगो के साथ रहते है कितना सोशल मीडिया इस्तेमाल करते है हमारी सोच आशावादी या या निराशावादी हर चीज के लिए।

इंसान आपने साथ हो रही घटनाओ के लिए खुद जिम्मेदार है। 
हमारी लव लाइफ, वेल्थ, सफलता हमारे अनुभव और अवसर सबकुछ हमारे विचारो से संचलित होता है, हम पहले इन विचारो से अपने दिमाग में बीज के रूप में बोते है और फिर आगे जाकर इन विचारो के फल के रूप में परिस्थियाँ हमारे सामने आती है।

नेक विचार नेक इंसान बनती है और नकारत्मक विचार अधम इंसान को बनती है। 
अगर इंसान नकारत्मक विचारो से घिरा है तो दुनिआ उसके लिए भ्रम और डर वाली जगह है और दूसरी और जब आप नकारत्मक विचारो को हटा देते है तो पूरी दुनिआ आपको नरम और मदद करने वाली नज़र आने लगती है।
असल में हम वो सभी चीजों को अपनी तरफ आकर्षित करते है जिन्हे हम सोचते है फिर वो भले हमे पसद हो या हमे डरती हो।  इसका कारण जो भी विचार हमारे दिमाग में उठते है वो हमारे अवचेतन में चले जाते है ये यहाँ ईंधन का काम करते है और बाद में विचारो के अनुसार घटनाएं हमारे सामने आने लगती है।

लोग कहते है की हालातो से हमरा ये हाल कर दिया। तो उन्हें अब ये अच्छे से जान लेना चाहिए के उनका हाल वही है जो उनके पिछले विचार है।  विचार बीज है और हालत फल। हम कारण और परिणाम की दुनिआ में रहते है। आपके और मेरे साथ जो कुछ भी अभी हो रहा है वो कोई संजोग नहीं है उसके पीछे कारण है बीज होते  है जो  आगे जाकर पौधा और फिर पेड़ बनती है कुछ भी बे वजह नहीं होता।

बुरा वक़्त आपके साथ क्या करता है फैसला सिर्फ आप करते है। 
बुरा वक़्त सबकी ज़िंदगी में आता है मेरे आपके हम सबके, अगर आपके पास बुरा वक़्त है तो इसका मतलब के आप जिन्दा है मुर्दो के पास बुरा वक़्त नहीं होता। बुरा वक़्त कितना भी बुरा क्यों न हो वो खत्म जरूर होता है।  जैसे सड़क ख़राब जितनी मर्जी हो उसकी समाप्ति एक जगह आकर हो ही जाती है,  बुरे वक़्त में हिम्मत रखिए  और उसके गुजर जाने का इंतज़ार करिये। हर समस्या के पीछे सम्भावनाये छिपी होती है  अगर संकट के वक़्त आपका रवैया दुसरो को दोष मढ़ने का  है तो ये आदत आपको और बुरे दौर में ले जाएगी या आप जिम्मेदारी लेते है इस सबकी और समाधान पर धयान देते है और ये यकीन रखते है की आप इसे पार निकल जायेगे।

अपनी सोच को सकारत्मक रखिए चाहे हालत कितने भी बुरे क्यों न हो उनपर अपना रवैया सकारत्मक रखिये जहाँ आपका बस है वहां और जहां नहीं है वहां भी मन को शांत रखिये और उम्मीद करिये के साथ कुछ जल्द ठीक होगा।  खुद पर और ईश्वर पर यकीन रखिये। और सब ठीक हो जायेगा।
सकारत्मक सोच आपको नकारत्मक सोच की तुलना में हर चीज बेहतर करने देगी। - जिग ज़िग्गलर

परिस्थिति अच्छी हो या बुरी आपको आगे बढ़ने का मौका जरूर देती है। 
अगर इंसान रुक जाता है या पीछे हट जाता है तो उसकी तरक़्क़ी भी रुक जाती है।  हम सबकी ज़िंदगी में संकट इसलिए आते है ताकि हम अपना सर्वश्रेष्ठ दे सके। बुरा वक़्त आने पर ही हमारी मुलाकात खुद से होती है। या तो हम खुद को बना सकते है ये ऐसे ही बर्बाद होने दे। ये सिर्फ हमपर होता है हमारे नजरिये पर। या तो हम हालतो के आगे घुटने टेक दे या उठ कर खड़े हो और लक्ष्य बनाये और उससे हासिल करने में जुट जाये जी जान से।  जो गिर के गिर ही गया वो खत्म हो जायेगा आपने हालातो से।

आपकी आमदनी भी उतनी उतनी होती है जितनी के लिए हम खुद को योग्य समझते है। 
अगर कोई इस विचार के साथ छोटे मोटे काम करता रहता है की उसे इसके बदले में पैसे भी कम ही मिलते है तो ये मानसिकता उसे हमेशा इसी तरह के काम में बनाये रखती है।  वो अपनी तरक्की खुद रोके हुए है।

सफलता  का सबसे अच्छा जरिया दिमाग की शांति है। 
जो लोग शांत, रिलेक्स और किसी उदेश्य में लगे नज़र आते है उनके वो अक्सर उनके खुद पर नियंत्रण का नतीजा होता है ऐसे लोग आस पास हो रही हर चीज से तुरंत प्रभावित नहीं होते। हर घटना को आराम से और शांत दिमाग से देखते है और उसे सुलझा कर आगे बढ़ जाते है।
धन्यवाद 



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