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Showing posts from December, 2017

Bhagwan se mangne ka sahi tareeka

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आपकी महानता इसमें नहीं है की आपके पास क्या है, ये इसमे है की आप क्या देते है। - ऐलिस हुकर मैं कई लोगो को देखता हु जो एकदम से परेशान हो जाते है जब कोई उनके पास आकर उनसे मांगता है, वो खीज जाते है और कई तो गुस्से में भी आ जाते है और मांगने वालो को धका या बुरा बोल के भगा देते है।  जिनको उनसे मांगने वालो पर गुस्सा आता है वो ये जान ले के उस ईश्वर के दर पर हम सब भिखारी है, देखिये हम ये चाहते है की वो ईश्वर हमे सब कुछ दे दे, हमारे सारे सपने पुरे कर दे , लेकिन जो हमसे मांगते है उसके ही बनाये इंसान जो हमारे मोहताज है उन्हें देने के लिए १० रूपये नहीं होते हमारे पास।  हम १ या २ रूपये देकर अपनी जान छुड़वाना चाहते है, आजकल तो एक रूपये में तो अच्छी टॉफी भी नहीं आती। अगर कोई आपसे मांगने आता है तो वो एक उम्मीद के साथ आता है जैसे हम ईश्वर के दर पर जाते है उससे मांगने उम्मीद के साथ के वो देगा। अगर आप उससे पाना चाहते है तो पहले इन्हे दीजिये जिन्हे जरूरत है जिनसे आप कई बेहतर हालत में है।  महीने, साल में चाहे एक बार दान करे, पर इतना तो करे के वो एक वक़्त का खाना अच्छे से खा सके या एक कप चाय पी सके

Save girl child

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जो बेटी को कोख़ में मार के भगवान से बेटा होने का वरदान माँगते है, वही बेटा बड़ा होकर जमीन जायदाद के लिए अपने माँ बाप को मारते है, नशे करते है गालियां देते है,  क्यों ? क्योंकि उन्हें ये समझ जाना चाहिए के वो उसी बहन के भाई होते है जिन्हें उन्होंने कोख में मार दिया गया था। ये कर्मा है। इंसाफ है कुदरत का। बेटी ये कोख से बोल रही, माँ करदे मुझपे ये उपकार,।। बिन मेरे माँ तुम भैया को, राखी किससे बन्धवाओगी,।। मरती रही कोख की हर बेटी, तो बहु कहा से लाओगी,।। बेटी ही बहन,बेटी ही दुल्हन, बेटी से ही होता परिवार,।। मत मार मुझे जीवन दे दे, मुझको भी देखने दे संसार,।। मानेंगे पापा भी अब माँ, तुम बात बता के तो देखो,।। दादी नारी,तुम भी नारी,, सबको समझा कर तो देखो,।। बिन नारी,प्रीत अधूरी है,, नारी बिन सुना है घर बार,।। मत मार मुझे.................. मुझको भी देखने............. नहीं जानती में इस दुनिया को, मैने जाना माँ बस तुमको,।। मुझे पता तुझे फिकर मेरी,, तू मार नहीं सकती मुझको,।। फिर क्यों इतनी मजबूर है तू, माँ क्यूँ है तू इतनी लाचार,।। मत मार मुझे.................., मुझको भी देख................ अगर मै

Forgive

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माफ़ी वो खुशबू है जो एक फूल उन्ही हाथो में छोड़ जाता है जिन हाथो ने उसे तोडा है।                   - Mark Twain  माफ़ करना क्यों जरुरी है ? हम सभी की ज़िंदगी ऐसे लोग आते है जो हमारी भावनाओ को चोट पहुंचते है हमे धोखा देते है और आगे बढ़ जाते है, लेकिन हम रुक जाते कारण हम उन्हें माफ़ नहीं करते। उनके लिए अपने मन में बहुत सारा क्रोध पलना शुरू करते इससे उन्हें कोई नुक्सान नहीं होता बल्कि हमारा ही होता है। क्रोध एक बुरी ऊर्जा है अगर आप इसे अपने अंदर पलना शुरू करते है तो ये आपको बीमार करना शुरू कर देती है, इसमे कोई शक नहीं ,  louise hay अपनी किताब You Can Heal Your  Life में बताती है की   बहुत लम्बे समय से किसी के लिए अपने अंदर पाला क्रोध आगे जाके कैंसर भी बन सकता है, और कई शोध में ये साबित भी हुआ है की हमारी जायदातर बीमारिया मानसिक तनाव से पैदा होती है।  बहरी चोट जो हमारे शरीर को लगती है वो सामान्य है लेकिन जो बीमारिया हमारे शरीर  को अंदर से होती है उसके जिम्मेदार है हमारी सोच है, क्रोध नफरत जलन इर्ष्या बदले के भावना आदि। माफ़ करने के साथ ही उपचार शुरू हो जाता है और आपने तन और मन को साफ

My Introduction

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सबसे पहले आप सबका मेरे ब्लॉग में स्वागत  है। ये मेरा पहला ब्लॉग है इसलिए मैं आप सबको अपने बारे में बताना चाहुगा।  मेरा पूरा नाम पवन दीप सिंह औजला है और छोटा नाम लवल है। मेरी माँ मुझे इसी नाम से ज्यादा पुकारती थी इसलिए मुझे ये बहुत पसद है। मैं शुरू से पढ़ाई में अच्छा नहीं था क्योकि मेरा पढ़ाई  में मन ही नहीं था। कह सकते है की मैं हमेशा पास होने जितने नंबर् ही प्राप्त कर पता था और मैने जैसे तैसे दसवीं पास की ।  उसके बाद मैंने कई तरह के काम किये मिल में एसटीडी शॉप दुकानों में फॅक्टरी में... पर जो मैं चाह रहा था वो नहीं मिल पा रहा था मैं संतुष्ट नहीं था मैं कुछ बड़ा करना चाहता था इसलिए मैने इंग्लैंड जाने का सोचा उसके लिए मैंने कुकिंग का कोर्स किया।  और दिल से किया और certificate में मुझे A + मिला और मैं अपने सपनो को पूरा करने के लिए इंग्लैंड जाने की तैयारी करने लगा मैं बहुत खुश थ।  लेकिन ये ख़ुशी ज्यादा देर तक नहीं रही।  अपने दोस्त के साथ शादी में जाते वक़्त मैं और मेरी प्यारी बुलेट बाइक का Accident  हो गयाा। उस वक़्त मैने अपनी हड्डियो के टूटने की आवाज़ खुद सुनी थीं। तीन दिन बाद