About Us

सबसे पहले आप सबका मेरे ब्लॉग में स्वागत  है।
ये मेरा पहला ब्लॉग है इसलिए मैं आप सबको अपने बारे में बताना चाहुगा। 
मेरा पूरा नाम पवन दीप सिंह औजला है और छोटा नाम लवल है। मेरी माँ मुझे इसी नाम से ज्यादा पुकारती थी इसलिए मुझे ये बहुत पसद है। मैं शुरू से पढ़ाई में अच्छा नहीं था क्योकि मेरा पढ़ाई  में मन ही नहीं था। कह सकते है की मैं हमेशा पास होने जितने नंबर् ही प्राप्त कर पता था और मैने जैसे तैसे दसवीं पास की । 
उसके बाद मैंने कई तरह के काम किये मिल में एसटीडी शॉप दुकानों में फॅक्टरी में... पर जो मैं चाह रहा था वो नहीं मिल पा रहा था मैं संतुष्ट नहीं था मैं कुछ बड़ा करना चाहता था इसलिए मैने इंग्लैंड जाने का सोचा उसके लिए मैंने कुकिंग का कोर्स किया। 

और दिल से किया और certificate में मुझे A + मिला और मैं अपने सपनो को पूरा करने के लिए इंग्लैंड जाने की तैयारी करने लगा मैं बहुत खुश थ।  लेकिन ये ख़ुशी ज्यादा देर तक नहीं रही। 
अपने दोस्त के साथ शादी में जाते वक़्त मैं और मेरी प्यारी बुलेट बाइक का Accident  हो गयाा।
उस वक़्त मैने अपनी हड्डियो के टूटने की आवाज़ खुद सुनी थीं।
तीन दिन बाद आंख खुली तो खुद को हॉस्पिटल में पाया, मैं मरते मरते बचा था ।
मेरे हाथ और पांव पर पट्टियां थी मैने अपने दाहिने हाथ को हिलना चाहा लेकिन मैं एक ऊँगली भी नहीं हिला पा रहा था। मैं बहार से ठीक था पर मेरा दिल अंदर से बहुत बुरी तरह से रो रहा था।
मैं चाहता था सभी बहार चले जाये और मैं खुल के रो लू ... पर ऐसा मुनकिन नहीं था इस लिए मैं रात को रोता था बड़े आराम से बिना आवाज़ किये ऊपर कंबल लेके। 

जान तो बच गयी लेकिन पांच हड़िया टूटी, जखम काफी गहरे थे उनको भरने में कई महीने लगे, और हर वक़्त घूमे फिरने वाला lovel long bed rest पर  चला गया..  एक साल ७ महीनो के लिए । उस सब के बारे आज लिखना बहुत आसान है लेकिन वो वक़्त वो दिन रात मैंने कैसे गुज़ारे  मैं ही जनता हु। जब मैं खिड़की से बाहर देखता था तो यही सोचता था के मैं भी एक दिन जरूर चलुगा। मेरे इसी विश्वास और मेरी हिम्मत ने मुझे खड़ा किया।
पंजाब के कई Hospital  मेरी माँ मुझे लेके जाती रही ये एक माँ ही कर सकती है अपने बच्चे के लिए, मेरी माँ ने ही मुझे खड़ा किया और खुद चले गयी। सात Operations हुए, पहला  Operation तो याद नहीं दूसरे Operation के वक़्त डरा हुआ था मैं OT के अन्दर जाते वक़्त.. और अंदर डॉक्टर्स के टीम और table पर पड़े वो सारे औजार.. वो सब काफी डरावना था।  तीसरे और उसके बाद जो हुए उनमे मुझे डर नहीं लगा.. पहला डरावना होता हैं। और कुछ वक़्त के बाद  मैंने धीरे  धीरे चलना शुरू किया।
मैं शुक्रगुजार हु अपनी माँ का और उस परमात्मा का जिनके कारण मैं आज जिन्दा हु।
मेरा दाहिना हाथ अभीदेता  ठीक से काम नहीं करता पर जो सबसे जरुरी चीज है मेरा दिमाग वो सही काम करता है। और इसी दिमाग से मै आगे कमाल करने जा रहा हु।
Youtube  पर खोजबीन शुरू की, और इसी दौरान मेरी मुलाकत मोटिवेशन से हुई  शिव खेड़ा जी के जरिये, उनको  सुनके बहुत हिम्मत मिली, नहीं तो मैं खुद को खत्म करने की सोच रहा था ।
मुझे छत पर लटकता पंखा दिखता था पर उसके लिए भी मैं खड़ा हो पाता तभी कुछ करता, दूसरा अपनी माँ का सोच के मन टाल देता। 

फिर महान लोगो के विचार पड़ने शुरू किये और ये मेरे अंदर समाते गए इनसे एक तो बहुत हिम्मत मिलती है और ये जानकारी भी कमाल की है तो सोचा क्यों न इसे सबके साथ शेयर किया जाये। 
और इस तरह THINK BIG पेज का निर्माण हुआ ।
शुरुवात कुछ खास नहीं थी पर मैं जनता था के इन बातो में बहुत दम है और वक़्त के साथ आप सब आये भी... आप सबका दिल से शुक्रिया मेरी ज़िंदगी मेरे पेज में आने के लिए। मैं आपको कभी निराश नहीं होने दूँगा ये मेरा वादा है। 
फिर जो जनता गया उसे सबके साथ शेयर करता गया और सबकी मदद करने लगा लेकिन मैं ये अकेले नहीं कर पा रहा था और इस तरह TEAM THINK BIG बनाई  पुरे इंडिया से। मक़सद यही है सीखो और दुसरो को सिखाओ.. किसी की जिंदगी आसान बनना। 
मुझे पुरी मानव जाती से  बहुत प्यार है और इतिहास से भी..मैं इन्हें अपने कैमरे में कैद करना शुरू किया औऱ वीडियोग्राफी भी की और Youtube  पर Visit Punjab चैनल बना के वीडियो डालना शुरू किया। अभी शुरुआत है और अच्छा सहयोग मिल रहा है।

मेरे अंदर से यही आवाज़ आती है जो दिखा सकता हु वैसे कोई और नहीं दिखा सकता।
ये घमंड नही है ये मेरा प्यार है वीडियोग्राफी से, ये मेरी कल्पना है की मैं इस दुनिया को कैसे देखता हूं, और दिखाता हु, इस काम से । और साथ ही अपने और महान लोगो के विचार साथ रखता हु।
मैं वो सब दिखाना चाहता हूं जो शायद कोई और नही दिखाना चाहता।
मरे परिवार में मेरी पत्नी मेरा बेटा दिलशान और मेरे पिता जी है। 

आगे आने वाे ब्लोग्स में मैं वो सब शेयर करुगा जो मैंने अब तक सीखा जिस से मेरी जिंदगी में बड़े फर्क आये। 
और मुझे पुरी उम्मीद है उस सब से आप सब को भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।  
मेरे ब्लॉग पर आने का और उसे पड़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।
जिंदगी में मैने जो सीखा वो ये है स्कूल की पढ़ाई आपको जीना सिखाती है लेकिन जब आप जिंदगी को जीना सीखते है तो उससे आपकी तक़दीर बदल जाती है।

आपका लवल औजला 
THINK BIG 

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