How to Forget the Past and Live in the Now


चिंता पूरी क्षमता से काम नहीं करने देती। 
अगर हम किसी चिंता में डूबे रहते है तो हमारे  काम में ताक़त और जोश नहीं रहता और न ही हम कुछ ठीक से कर पाते  है। 
अक्सर लोग अपनी असफलता के लिए अपनी  निजी परेशानियों के लिए को दोष देते है। अपने बीते हुए कल की कमियों गलतियों में उलझे रहते है।  और दूसरी तरफ उन्हें भविष्य की चिंता उन्हें बड़े फैसले लेने और आगे बढ़ने से रोकती है।

असल में भूत और भविष्य की चिंता दोनों ही हमारे दिमाग की उपज है। हम ही उन्हें अपने तरीके से बनाते है और उसे बार बार सोच कर परेशान है। हमारे सारे डर हम खुद ही बनाते है। 
बीते हुए कल के लिए आप जितना मर्जी अफ़सोस कर ले उसे बदल नहीं सकते , कितना अच्छा होता के हम पीछे जाकर सब ठीक कर सकते, लेकिन ऐसा सम्भव ही नहीं लेकिन वतर्मान में रह कर अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकते है।

अगर हम भूत में उलझे रहेंगे तो वर्तमान को नहीं जी पाएंगे। चिंता में उलझे रहने से आप अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाएंगे

अपने वर्तमान को जीने के लिए और अपने भूत से निकलने के लिए आपको दो काम करने की जरूरत है। 
1 . अपने पास्ट को स्वीकार करना।  जबतक आप अपने भूत को स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक  ये आपको परेशान करता रहेगा बार बार वो सामने आता रहेगा। असल में बीते हुए कल को देखने का सबसे अच्छा नजरिया तो यह है की आप बस देखे की पहले की तुलना में आज आप कितने आगे आ गए है कितना बेहतर बन गए है, अगर आप बेहतर नहीं बन रहे तो आप बत्तर बन रहे है।
2 . अपने भविष्य के बारे में सोचते समय यह ध्यान रहे की भविष्य अनिश्चित होता है खुद से कभी भी नाउम्मीदी न लगाए हमेशा अच्छे की उम्मीद करे। भविष्य की चिंता से कोई फायदा नहीं।
बीता कल गुजर चूका है इससे सीखा जा सकता है इसे जीया नहीं जा सकता।  आने वाला कल सामने है,  इसके लिए तैयार हुआ जा सकता है लेकिन आज हम इस वर्तमान है इसे जीया जा सकता है।
अगर हम भूत और भविष्य की चिंता से बहार निकल कर आज जिए तो हमारी सारी परेशानिया खत्म हो जाएगी।
भविष्य की चिंता करना उस उधार को चुकाने के सामान है जिसे आपने कभी लिया ही नहीं है।
- मार्क ट्विन

अपने बीते कल को निडरता से  बिना किसी  दुःख और मलाल के स्वीकार करिये और अपने वर्तमान का पूरे आत्मविश्वास के साथ सामना करिये। आने वाले भविष्य का निडर होकर स्वागत करिये। 
कुल मिलकर  आप अपने बीते हुए कल में मिले सबक के लिए धन्यवाद कह सकते है और आने वाले कल के लिए कह सकते है।  मैं पूरी तरह तैयार हु।

खुश रहने और अपनी ज़िंदगी को खुल के जीने के लिए आपको सेल्फहेल्प बुक्स, संगीत, अच्छे दोस्त और कसरत कर सकती है पूरी मदद। 
फ्लेरिडा यूनिवर्स्टी  की रिसर्च के अनुसार फूलो की खुशबू से हमारी भावनाओ पर अच्छा असर होता है। 
इससे दुसरो के लिए कुछ करने की भावना पैदा होती है जो हमें ख़ुशी देती है। 

जरनल ऑफ़ पॉजिटिव में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार  अच्छा संगीत सुनने से खुद को पॉजिटिव रखने में मदद मिलती है। 

संगीत दिमाग को पंख और कल्पनाओ को उड़न देता है।  
- प्लेटो 

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल्स की एक रिसर्च के अनुसार आपके नजदीक दोस्त खुश है तो इससे आपकी ख़ुशी भी बढ़ती है। और अगर आस पास के लोग खुश है आपका माहौल अच्छा है तो भी आपकी ख़ुशी बढ़ती है। 

अकेले चलने से बेहतर है, अंधरे में एक दोस्त के साथ चलना। 
- हेलन केलर 

अगर आप दिन में सिर्फ 20 मिनट भी कसरत करते है तो आपका मूड ठीक रहता है आप खुश रहते है।  
रिसर्च के अनुसार कसरत के दौरान फील गुड केमिकल अधिक रिलीज होते है जो आपके मूड को खुशहाल  बनाते है। 

हमारा दिमाग में भी मसल्स होते है इसकी खुराक ज्ञान है , इन्हे ताक़तवर बनाने के लिए किताबो से जुड़े रहना और कुछ न कुछ सीखते रहना है। ये कितना तेज या धीमा है ये इस बात पर निर्भर करता है की इसका इस्तेमाल कितना होता है। 

धन्यवाद 


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